मुबारक हो बेटा हुआ है.. बहुत बहुत बधाई हो, घर में लक्ष्मी आई है.. इन दो possibilities के अलावा कभी कुछ तीसरा सुना है आपने? जैसे, मुबारक हो.. आपके घर में intersex पैदा हुआ है.. नहीं.. क्यों? हर दो हज़ार में से एक व्यक्ति intersex पैदा होता है. तो फिर हमें पता क्यों नहीं चलता?
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हमें पता क्यों नहीं चलता?
आज का आर्टिकल शुरू करते हैं. और समझते हैं intersex या third gender को. भ्रूण यानी embryo लड़के या फिर लड़की में कैसे तब्दील होता है, xx chromosome बना तो लड़की और xy बना, तो लड़का. अब, कुछ लोगों ने सवाल किया कि ये chromosome बने कैसे. तो पहले तो ये समझते हैं कि chromosome है क्या. हमारा शरीर हज़ारों, लाखों, करोड़ों छोटे छोटे cells से मिल कर बना है. हिंदी में इन्हें कोशिकाएं कहते हैं. हर cell के अंदर होता है nucleus – जो एक तरह से cell का control centre है. nucleus के अंदर होते हैं धागे जैसे दिखने वाले chromosome और chromosome के अंदर होता है हमारा dna. वही dna जिससे हमारे genes बनते हैं. यानी chromosomes के अंदर ही हमारा genetic structure होता है.
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अब जब इतनी details पढ़ ली हैं, तो थोड़ा सा और सही.. तो.. हर cell के अंदर chromosomes के 23 जोड़े होते हैं – 23 pairs. इनमें से 22 एक जैसे होते हैं – चाहे महिला हो, पुरुष हो या और कुछ भी – 22 जोड़े सब में एक जैसे होते हैं – फर्क सिर्फ होता है – आखिरी 23rd pair में. ये जो आखिरी जोड़ा है, ये या तो xx हो सकता है, या xy हो सकता है. xx हुआ तो – लड़की, और xy हुआ तो – लड़का.
क्या अपनी मर्ज़ी से designer बच्चे बना सकते हैं.
अब लौटते हैं अपने embryo पर… जो कि बना है sperm और egg के मेल से. यानी इसमें दोनों के genes पहुंचे हैं. sperm क्योंकि पुरुष का है, तो उसमें पहले से मौजूद है xy और egg क्योंकि महिला का है, तो उसमें मौजूद है xx. अब जब ये दोनों मिलेंगे, तो क्या क्या combinations बनेंगे? आप ही सोच कर देखिए.. पुरुष का x महिला के x से मिला, तो बना.. xx यानी.. लड़की. पुरुष का y महिला के x से मिला, तो बना xy यानी.. लड़का. मतलब यह हुआ कि लड़का होगा या लड़की, ये निर्धारित होता है पुरुष के chromosome से क्योंकि महिला के पास तो x के अलावा और कुछ है ही नहीं. अब, आप में से कुछ लोगों ने पिछली बार पूछा कि क्या ऐसा कोई उपाय है कि y ज़्यादा strong हो जाए.. जी नहीं.. science ने बहुत तरक्की की है लेकिन इस तरह से आप अपनी मर्ज़ी से designer बच्चे नहीं बना सकते हैं.
इसलिए, अगर कोई आपको ऐसी नसीहतें दे भी रहा है कि फलानि कसरत करो तो बेटा होगा, या ये चीज़ खाओ तो बेटी होगी.. तो please इन बेसिरपैर की बातों पर विश्वास ना करें. अब बढ़ते हैं आगे.. और थोड़ा detail में समझते हैं कि तीसरा लिंग यानी third gender कैसे बनता है. ये चार factors पर depend करता है. एक ये कि हमारे शरीर के अंदर reproductive organs कैसे develop कर रहे हैं. फिर ये कि जननांगों या private parts का विकास कैसा हुआ है. इसके बाद है chromosomes और फिर hormones. xy से लड़का और xx से लड़की तो आपको समझ आ गया. लेकिन इसके बीच में और भी बहुत कुछ मुमकिन है. कई बार शरीर के अंदर अंगों का ठीक से विकास नहीं हो पाता है.
अगर किसी के पास दोनों हो तो?
हम ये जानते हैं कि महिलाओं के पास ovaries और पुरुषों के पास testes होते हैं. लेकिन अगर किसी के पास दोनों हो तो? इसे ovotestis कहा जाता है. इसी तरह जननांगों में भी फर्क हो सकता है.. हो सकता है कि किसी का clitoris बहुत बड़ा हो. या फिर किसी का लिंग बहुत छोटा. और तो और ये भी मुमकिन है कि chromosome के जोड़े की जगह किसी के शरीर में तीन, तो किसी के शरीर में सिर्फ एक ही chromosome बन पाया हो. और ये भी हो सकता है कि आपके cells और hormones के बीच में तालमेल ना बन पा रहा हो. या फिर कोई ज़रूरी hormone बन ही ना रहा हो. ये सब third gender की ओर इशारा करते हैं. अब, क्योंकि ये कोई बीमारी नहीं है,
इसलिए इसका कोई इलाज भी नहीं है. जब कोई बच्चा intersex के रूप में पैदा होता है, तो क्या उसे लड़के या लड़की में तब्दील किया जा सकता है? डॉक्टरों की राय इस पर बंटी हुई है. कई जगह genital surgery की जाती है. लेकिन अगर बचपन में ऐसा किया जाए, तो बच्चा खुद यह तय करने की हालत में नहीं होता कि वो ऐसा चाहता भी है या नहीं. इस तरह की किसी “गड़बड़” के साथ जो बच्चे पैदा होते हैं, उन्हें intersex कहा जाता है. और हालांकि हर दो हज़ार में से एक व्यक्ति intersex पैदा होता है, फिर भी हम इस बारे में खुल कर बात नहीं करते. आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 1.7 फीसदी लोग intersex हैं.
किन्नर क्या होते हैं
आप में से कई लोगों ने पूछा था कि किन्नर क्या होते हैं.. तो जवाब है कि कुछ intersex होते हैं और कुछ transgender.. अक्सर लोग intersex और transgender को एक ही समझते हैं. ये दोनों बिलकुल अलग अलग हैं. Transgender ऐसे व्यक्ति को कहते हैं जिसका जन्म लड़के के रूप में हुआ है लेकिन ये महसूस लड़की जैसा करते हैं. या फिर लड़की के रूप में पैदा हुए और महसूस लड़के जैसा करते हैं. ये जिस शरीर में हैं, उसमें trapped feel करते हैं और इसलिए sex change surgeries का सहारा लेते हैं. लेकिन intersex की तरह इनके शरीर में कोई “गड़बड़” नहीं है. हां, ये समझना बहुत ज़रूरी है कि gender और sexuality दो अलग अलग चीज़ें हैं. तभी हम समलैंगिकों को या LGBT समुदाय की दिक्कतों को समझ पाएंगे.
sexuality से हमें आम तौर पर समझ आता है वो attraction, जो opposites sexes के बीच में हो. लेकिन ज़रूरी नहीं है कि आकर्षण लड़के और लड़की के बीच ही हो. हो सकता है कि लड़की.. लड़की की ही ओर attracted हो. इसे lesbian कहते हैं. जब कोई लड़का.. लड़के की ओर attracted होता है, तो उसे gay कहते हैं. ये भी हो सकता है कि कोई व्यक्ति लड़के और लड़की दोनों की ओर attracted फील करे. इसे bisexual कहते हैं. और तो और ये भी हो सकता है कि किसी व्यक्ति में कामुकता हो ही नहीं – वो किसी की भी तरफ आकर्षित ना हो. इसे asexual कहते हैं.
transgender का मतलब मैंने आपको बता दिया. intersex तो पूरे विस्तार से बताया. पर ध्यान रहे कि intersex gender को define करता है. sexuality के लिहाज़ से ये lesbian, gay, bisexual, asexual – कुछ भी हो सकते हैं. और ये बहुत बड़ा spectrum है, जिसे पांच-सात मिनट के वीडियो में cover नहीं किया जा सकता. लेकिन इस spectrum में बाकी के जो लोग हैं, उन्हें कहते हैं queer. इसका शाब्दिक अर्थ है.. अजीब. सामान्य से किसी भी तरह से अजीब इंसान queer की category में आ जाता है. तो ये हैं पूरी लिस्ट.. LGBTQIA..
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