By Abrar Khan | Feb 2, 2022
एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 पेश किया है। इस दौरान कई बड़े बदलाव के एलान किए गए हैं।
इनमें से ही एक डिजिटल करेंसी को लेकर भी बड़ी घोषणा की गई है। दरअसल, सरकार ने देश में डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की बात कही है। जाहिर है इसके चलते मार्केट में हलचल मची हुई है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की तरफ से इस साल देश में डिजिटल करेंसी लॉन्च की जाएगी। ऐसे में कई लोग हैं जो डिजिटल करेंसी और ब्लॉकचेन को समझ नहीं पा रहे हैं। ये एक ब्लॉकचेन आधारित करेंसी होगी। 2022-23 के शुरुआत में इस डिजिटल करेंसी के जारी होने के बारे में कहा गया है।
आखिर ये ब्लॉकचेन है क्या? ये कैसे काम करती है, इससे आम लोगों को पर क्या असर होगा?
आइए इन सावालों का जवाब जानते हैं।
ब्लॉकचेन क्या है?
कचेन दो शब्दों से मिलकर बना है। 'ब्लॉक' और 'चेन', ब्लॉक का मतलब यहां पर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में कई डाटा ब्लॉक्स से है।
वहीं जब कोई नया डाटा आता है उसे भी एक नए ब्लॉक में रिकॉर्ड कर दिया जाता है। साथ ही जब कोई ब्लॉक डाटा से भर जाता है, तो उसे पिछले ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है। इसी तरह ब्लॉक्स एक-दूसरे से जुड़ते जाते हैं।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे करती है काम
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी डाटा ब्लॉक पर काम करती है, जिसमें हर ब्लॉक एन्क्रिप्टेड होते हैं और एक-दूसरे से इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़े होते हैं।
ये एक तरह से एक्सचेंज प्रोसेस में काम करती है। इससे असेट्स के मूवमेंट की जानकारी भी मिलती है, कि वो कब और कहां पहुंचा या इस वक्त वो किसके पास है।
ब्लॉक्स ट्रांजैक्शन के सीक्वेंस और सही समय को कन्फर्म करते हैं और ये आपस में एक-दूसरे से ऐसे जुड़ जाते हैं कि इनके बीच किसी और ब्लॉक को एंटर नहीं किया जा सकता। ये इसकी सिक्योरिटी को मजबूत बनाता है।
हर एडिशनल ब्लॉकचेन पूरे ब्लॉकचेन के साथ पहले के ब्लॉक्स के वेरिफिकेशन को और मजबूत बनाता है। इसके अलावा आपको पता होना चाहिए कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से केवल करेंसी का ही निर्माण नहीं होता। ये किसी भी डिजिटल चीज का रिकॉर्ड रख सकते हैं।
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